‘‘निष्ठुर प्रथाएं’’

लाॅ, विधि या कानून सभ्यता के विकास के साथ-साथ रूढ़ियों, प्रथाओं और परम्पराओं को परिवर्तित कर स्वयं को विकसित करता रहा है इस क्रम में समय के साथ बहुत से बेकार नियम और कानून नष्ट होकर नए उपयोगी व व्यवहारिक कानून बनते चले आए हैं और आगे भी बनते रहेंगे। मानवीय क्रियाकलापों को अनुशाषित रखने … Continue reading ‘‘निष्ठुर प्रथाएं’’